Srimad Bhagavad Gita Chapter 7 Verse 24

अव्यक्तं व्यक्तिमापन्नं मन्यन्ते मामबुद्धयः । 
परं भावमजानन्तो ममाव्ययमनुत्तमम् ।।  24 ।। 

बुद्धिहीन पुरुष मेरे अनुत्तम, अविनाशी, परम भाव को न जानते हुए, मन-इन्द्रयों से परे मुझ सच्चिदानंदघन परमात्मा को मनुष्य की भाँति जानकर व्यक्ति के भाव को प्राप्त हुआ मानते हैं ।   (24)

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