Srimad Bhagavad Gita Chapter 18 Verse 59

यदहंकारमाश्रित्य योत्स्य इति मन्यसे । 
मिथ्यैष व्यवसायस्ते प्रकृतिस्त्वां नियोक्ष्यति ।। 59 ।। 

जो तू अहंकार का आश्रय न लेकर यह मान रहा है कि ‘मैं युद्ध नहीं करुँगा’ तो तेरा यह निश्चय मिथ्या है क्योंकि तेरा स्वभाव तुझे जबरदस्ती युद्ध में लगा देगा । (59)

Share Bhagavad Gita Chapter 18 Verse 59