Srimad Bhagavad Gita Chapter 18 Verse 22

यत्तु कृत्स्नवदेकस्मिन्कार्ये सक्तमहैतुकम् । 
अतत्त्वार्थवदल्पं तत्तामसमुदाहृतम् ।। 22 ।। 

परन्तु जो ज्ञान एक कार्यरूप शरीर में ही सम्पूर्ण के सदृश आसक्त है तथा जो बिना युक्तिवाला, तात्त्विक अर्थ से रहित और तुच्छ है – वह तामस कहा गया है । (22)

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