Srimad Bhagavad Gita Chapter 9 Verse 26
पत्रं पुष्पं फलं तोयं यो मे भक्तया प्रयच्छति ।
तदहं भक्त्युपहृतमश्नामि प्रयतात्मनः ।। 26 ।।
जो कोई भक्त मेरे लिए प्रेम से पत्र, पुष्प, फल, जल आदि अर्पण करता है, उस शुद्धबुद्धि निष्काम प्रेमी भक्त का प्रेमपूर्वक अर्पण किया हुआ वह पत्र-पुष्पादि मैं सगुणरूप से प्रकट होकर प्रीतिसहित खाता हूँ । (26)