Srimad Bhagavad Gita Chapter 9 Verse 24

अहं हि सर्वयज्ञानां भोक्ता प्रभुरेव च । 
तु मामभिजानन्ति तत्त्वेनातश्चयवन्ति ते ।। 24 ।। 

क्योंकि सम्पूर्ण यज्ञों का भोक्ता और स्वामी मैं ही हूँ, परन्तु वे मुझ परमेश्वर को तत्त्व से नहीं जानते, इसी से गिरते हैं अर्थात् पुनर्जन्म को प्राप्त होते हैं । (24)

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