Srimad Bhagavad Gita Chapter 8 Verse 2

अधियज्ञ कथं कोऽत्र देहेऽस्मिन्मधुसूदन ।   
प्रयाणकाले कथं ज्ञेयोऽसि नियतात्मभिः ।।  2 ।।   

हे मधुसूदन ! यहाँ अधियज्ञ कौन है? और वह इस शरीर में कैसे हैं? तथा युक्तचित्तवाले पुरुषों द्वारा अन्त समय में आप किस प्रकार जानने में आते हैं? (2)

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