Srimad Bhagavad Gita Chapter 8 Verse 19

भूतग्रामः एवायं भूत्वा भूत्वा प्रलीयते । 
रात्र्यागमेऽवशः पार्थ प्रभवत्यहरागमे ।। 19 ।।

हे पार्थ ! वही यह भूतसमुदाय उत्पन्न हो-होकर प्रकृति के वश में हुआ रात्रि के प्रवेशकाल में लीन होता है और दिन के प्रवेशकाल में फिर उत्पन्न होता है । (19)

Share Bhagavad Gita Chapter 8 Verse 19