Srimad Bhagavad Gita Chapter 3 Verse 36

अर्जुन उवाच

अथ केन प्रयुक्तोऽयं पापं चरति पुरुषः ।
अनिच्छन्नपि वार्ष्णेय बलादिव नियोजितः ।।  36 ।।

अर्जुन बोलेः हे कृष्ण ! तो फिर यह मनुष्य स्वयं न चाहता हुआ भी बलात् लगाये हुए की भाँति किससे प्रेरित होकर पाप का आचरण करता है? (36)

Share Bhagavad Gita Chapter 3 Verse 36