Srimad Bhagavad Gita Chapter 18 Verse 41

ब्राह्मणक्षत्रियविशां शूद्राणां परंतप । 
कर्माणि प्रविभक्तानि स्वभावप्रभवैर्गुणैः ।। 41 ।। 

हे परंतप ! ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्यों के तथा शूद्रों के कर्म स्वभाव उत्पन्न गुणों द्वारा विभक्त किये गये हैं । (41)

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