Srimad Bhagavad Gita Chapter 18 Verse 18

ज्ञानं ज्ञेयं परिज्ञाता त्रिविधा कर्मचोदना । 
करणं कर्म कर्तेति त्रिविधः कर्मकंग्रहः ।। 18 ।। 

ज्ञाता, ज्ञान और ज्ञेय – ये तीन प्रकार की कर्म-प्रेरणा हैं और कर्ता, करण तथा क्रिया ये तीन प्रकार का कर्म संग्रह है । (18)

Share Bhagavad Gita Chapter 18 Verse 18