Srimad Bhagavad Gita Chapter 16 Verse 23

यः शास्त्रविधिमुत्सृज्य वर्तते कामकारतः । 
सिद्धिमवाप्नोति सुखं परां गतिम् ।। 23 ।।

जो पुरुष शास्त्रविधि को त्यागकर अपनी इच्छा से मनमाना आचरण करता है, वह न सिद्धि को प्राप्त होता है, न परम गति को और न सुख को ही । (23)

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