सत्त्वात्संजायते ज्ञानं रजसो लोभ एव च । प्रमामोहौ तमसो भवतोऽज्ञानमेव च ।। 17 ।।
सत्त्वगुण से ज्ञान उत्पन्न होता है और रजोगुण से निःसंदेह लोभ तथा तमोगुण से प्रमाद और मोह उत्पन्न होते हैं और अज्ञान भी होता है । (17)