Srimad Bhagavad Gita Chapter 13 Verse 24

ध्यानेनात्मनि पश्यन्ति केचिदात्मानमात्मना । 
अन्ये सांख्येन योगेन कर्मयोगेन चापरे ।। 24 ।। 

उस परमात्मा को कितने ही मनुष्य तो शुद्ध हुई सूक्ष्म बुद्धि से ध्यान के द्वारा हृदय में देखते हैं ।   अन्य कितने ही ज्ञानयोग के द्वारा और दूसरे कितने ही कर्मयोग के द्वारा देखते हैं अर्थात् प्राप्त करते हैं । (24)

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