Srimad Bhagavad Gita Chapter 13 Verse 13

सर्वतः पाणिपादं तत्सर्वतोऽक्षिशिरोमुखम् । 
सर्वतः श्रुतिमल्लोके सर्वमावृत्य तिष्ठति ।। 13 ।।

वह सब ओर हाथ पैर वाला, सब और नेत्र, सिर ओर मुख वाला तथा सब ओर कान वाला है क्योंकि वह संसार में सबको व्याप्त करके स्थित है । (13)

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