Srimad Bhagavad Gita Chapter 11 Verse 32

श्रीभगवानुवाच

कालोऽस्मि लोकक्षयकृत्प्रवृद्धो
लोकान्समाहर्तुमिह प्रवृत्तः । 
ऋतेऽपि त्वां भविष्यन्ति सर्वे
येऽवस्थिताः प्रत्यनीकेषु योधाः ।। 32 ।। 

श्री भगवान बोलेः मैं लोकों का नाश करने वाला बढ़ा हुआ महाकाल हूँ । इस समय लोकों को नष्ट करने के लिए प्रवृत्त हुआ हूँ । इसलिए जो प्रतिपक्षियों की सेना में स्थित योद्धा लोग है वे सब तेरे बिना भी नहीं रहेंगे अर्थात् तेरे युद्ध न करने पर भी इन सब का नाश हो जाएगा । (32)

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