Srimad Bhagavad Gita Chapter 10 Verse 23

रुद्राणां शंकरश्चास्मि वित्तेशो यक्षरक्षसाम् । 
वसूनां पावकश्चास्मि मेरूः शिखरिणामहम् ।। 23 ।।

मैं एकादश रूद्रों में शंकर हूँ और यक्ष तथा राक्षसों में धन का स्वामी कुबेर हूँ ।   मैं आठ वसुओं में अग्नि हूँ और शिखरवाले पर्वतों में सुमेरू पर्वत हूँ । (23)

Share Bhagavad Gita Chapter 10 Verse 23