Srimad Bhagavad Gita Chapter 10 Verse 15

स्वयमेवात्मनात्मानं वेत्थ त्वं पुरुषोत्तम । 
भूतभावन भूतेश देवदेव जगत्पते ।। 15 ।।

हे भूतों को उत्पन्न करने वाले ! हे भूतों के ईश्वर ! हे देवों के देव ! हे जगत के स्वामी! हे पुरुषोत्तम ! आप स्वयं ही अपने-से-अपने को जानते हैं । (15)

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