Srimad Bhagavad Gita Chapter 10 Verse 14
सर्वमेतदृतं मन्ये यन्मां वदसि केशव ।
न हि ते भगवन्व्यक्तिं विदुर्देवा न दानवाः ।। 14 ।।
हे केशव ! जो कुछ भी मेरे प्रति आप कहते हैं, इस सबको मैं सत्य मानता हूँ । हे भगवान ! आपके लीलामय स्वरूप को न तो दानव जानते हैं और न देवता ही । (14)