Srimad Bhagavad Gita Chapter 10 Verse 1

।।   अथ दशमोऽध्यायः  ।। 

श्रीभगवानुवाच

भूय एव महाबाहो श्रृणु मे परमं वचः । 
यत्तेऽहं प्रीयमाणाय वक्ष्यामि हितकाम्यया ।। 1 ।। 

श्री भगवान बोलेः हे महाबाहो ! फिर भी मेरे परम रहस्य और प्रभावयुक्त वचन को सुन, जिसे मैं तुझ अतिशय प्रेम रखनेवाले के लिए हित की इच्छा से कहूँगा । (1)

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