Srimad Bhagavad Gita Chapter 1 Verse 3

पश्यैतां पाण्डुपुत्राणामाचार्यं महतीं चमूम् ।
व्यूढां द्रुपदपुत्रेण तव शिष्येण धीमता ।। 3 ।। 

हे आचार्य ! आपके बुद्धिमान शिष्य द्रुपदपुत्र धृष्टद्युम्न द्वारा व्यूहाकार खड़ी की हुई पाण्डुपुत्रों की इस बड़ी भारी सेना को देखिये । (3)

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