पांचजन्यं हृषिकेशो देवदत्तं धनंजयः । पौण्ड्र दध्मौ महाशंखं भीमकर्मा वृकोदरः ।। 15 ।।
श्रीकृष्ण महाराज ने पाञ्चजन्य नामक, अर्जुन ने देवदत्त नामक और भयानक कर्मवाले भीमसेन ने पौण्ड्र नामक महाशंख बजाया । (15)