Srimad Bhagavad Gita Chapter 13 Verse 12

ज्ञेयं यत्तत्प्रवक्ष्यामि यज्ज्ञात्वामृतमश्नुते । 
अनादिमत्परं ब्रह्म सत्तन्नासदुच्यते ।। 12 ।।

जो जानने योग्य हैं तथा जिसको जानकर मनुष्य परमानन्द को प्राप्त होता है, उसको भलीभाँति कहूँगा । वह अनादि वाला परब्रह्म न सत् ही कहा जाता है, न असत् ही । (12)

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