Srimad Bhagavad Gita Chapter 13 Verse 1

।।   अथ त्रयोदशोऽध्यायः  ।। 

श्रीभगवानुवाच

इदं शरीरं कौन्तेय क्षेत्रमित्यभिधीयते । 
एतद्यो वेत्ति तं प्राहुः क्षेत्रज्ञ इति तद्विदः ।। 1 ।। 

श्री भगवान बोलेः हे अर्जुन ! यह शरीर ‘क्षेत्र’ इस नाम से कहा जाता है और इसको जो जानता है, उसको ‘क्षेत्रज्ञ’ इस नाम से उनके तत्त्व को जानने वाले ज्ञानीजन कहते हैं । (1)

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