Srimad Bhagavad Gita Chapter 12 Verse 11

अथैतदप्यशक्तोऽसि कर्तुं मद्योगमाश्रितः । 
सर्वकर्मफलत्यागं ततः कुरु यतात्मवान् ।। 11 ।। 

यदि मेरी प्राप्ति रूप योग के आश्रित होकर उपर्युक्त साधन को करने में भी तू असमर्थ है तो मन बुद्धि आदि पर विजय प्राप्त करने वाला होकर सब कर्मों के फल का त्याग कर । (11)

Share Bhagavad Gita Chapter 12 Verse 11