Srimad Bhagavad Gita Chapter 11 Verse 7

इहैकस्थं जगत्कृत्स्नं पश्याद्य सचराचरम् । 
मम देहे गुडाकेश यच्चान्यद्द्रष्टुमिच्छसि ।। 7 ।। 

हे अर्जुन ! अब इस मेरे शरीर में एक जगह स्थित चराचरसहित सम्पूर्ण जगत को देख तथा और भी जो कुछ देखना चाहता है सो देख । (7)

Share Bhagavad Gita Chapter 11 Verse 7