Srimad Bhagavad Gita Chapter 10 Verse 41

यद्यद्विभूतिमत्सत्त्वं श्रीमदूर्जितमेव वा । 
तत्तदेवावगच्छ त्वं मम तेजोंऽशसम्भवम् ।। 41 ।।

जो-जो भी विभूतियुक्त अर्थात् ऐश्वर्ययुक्त, कान्तियुक्त और शक्तियुक्त वस्तु है, उस उसको तू मेरे तेज के अंश की ही अभिव्यक्ति जान । (41)

Share Bhagavad Gita Chapter 10 Verse 41