Srimad Bhagavad Gita Chapter 10 Verse 19

श्रीभगवानुवाच

हन्त ते कथयिष्यामि दिव्या ह्यात्मविभूतयः । 
प्राधान्यतः कुरुश्रेष्ठ नास्त्यन्तो विस्तरस्य मे ।। 19 ।। 

श्री भगवान बोलेः हे कुरुश्रेष्ठ ! अब मैं जो मेरी विभूतियाँ हैं, उनको तेरे लिए प्रधानता से कहूँगा, क्योंकि मेरे विस्तार का अन्त नहीं है । (19)

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