Srimad Bhagavad Gita Chapter 10 Verse 7

एतां विभूतिं योगं मम यो वेत्ति तत्त्वतः । 
सोऽविकम्पेन योगेन युज्यते नात्र संशयः ।। 7 ।।

जो पुरुष मेरी इस परमैश्वर्यरूप विभूति को और योगशक्ति को तत्त्व से जानता है, वह निश्चल भक्तियोग से युक्त हो जाता है – इसमें कुछ भी संशय नहीं है । (7)

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