Srimad Bhagavad Gita Chapter 9 Verse 3

अश्रद्दधानाः पुरुषा धर्मस्यास्य परंतप । 
अप्राप्य मां निवर्तन्ते मृत्युसंसारवर्त्मनि ।। 3 ।।

हे परंतप ! इस उपर्युक्त धर्म में श्रद्धारहित पुरुष मुझको न प्राप्त होकर मृत्युरूप संसारचक्र में भ्रमण करते रहते हैं । (3)

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