Srimad Bhagavad Gita Chapter 7 Verse 30

साधिभूताधिदैवं मां साधियज्ञं ये विदुः । 
प्रयाणकालेऽपि मां ते विदुर्युक्तचेतसः ।।  30 ।। 

तत्सदिति श्रीमद् भगवदगीतासूपनिषत्सु ब्रह्मविद्यायां योगशास्त्रे
श्रीकृष्णार्जुनसंवादे ज्ञानविज्ञानयोगे नाम सप्तमोऽध्यायः ।।  7 ।। 

जो पुरुष अधिभूत और अधिदैव के सहित तथा अधियज्ञ के सहित (सबका आत्मरूप) मुझे अंतकाल में भी जानते हैं, वे युक्त चित्तवाले पुरुष मुझको ही जानते हैं अर्थात् मुझको ही प्राप्त होते हैं ।  (30)

इस प्रकार उपनिषद्, ब्रह्मविद्या तथा योगशास्त्रस्वरूप श्रीमद् भगवदगीता में श्रीकृष्ण तथा अर्जुन के संवाद में ज्ञानवियोग नामकसातवाँ अध्याय संपूर्ण । 

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