Srimad Bhagavad Gita Chapter 7 Verse 20

कामैस्तैस्तैर्हृतज्ञानाः प्रपद्यन्तेऽन्यदेवताः । 
तंतं नियममास्थाय प्रकृत्या नियताः स्वया ।।  20 ।। 

उन-उन भोगों की कामना द्वारा जिनका ज्ञान हरा जा चुका है वे लोग अपने स्वभाव से प्रेरित होकर उस-उस नियम को धारण करके अन्य देवताओं को भजते हैं अर्थात् पूजते हैं ।  (20)

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