Srimad Bhagavad Gita Chapter 4 Verse 11

ये यथा मां प्रपद्यन्ते तांस्तथैव भजाम्यहम् । 
मम वर्त्मानुवर्तन्ते मनुष्याः पार्थ सर्वशः ।।  11 ।।

हे अर्जुन ! जो भक्त मुझे जिस प्रकार भजते हैं, मैं भी उनको उसी प्रकार भजता हूँ, क्योंकि सभी मनुष्य सब प्रकार से मेरे ही मार्ग का अनुसरण करते हैं ।  (11)

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