Srimad Bhagavad Gita Chapter 4 Verse 4
अर्जुन उवाच
अपरं भवतो जन्म परं जन्म विवस्वतः ।
कथमेतद्विजानीयां त्वमादौ प्रोक्तवानिति ।। 4 ।।
अर्जुन बोलेः आपका जन्म तो अर्वाचीन – अभी हाल ही का है और सूर्य का जन्म बहुत पुराना है अर्थात् कल्प के आदि में हो चुका था । तब मैं इस बात को कैसे समझूँ कि आप ही ने कल्प के आदि में यह योग कहा था? (4)