Srimad Bhagavad Gita Chapter 3 Verse 2
व्यामिश्रेणेव वाक्येन बुद्धिं मोहयसीव मे ।
तदेकं वद निश्चित्य येन श्रेयोऽहमाप्नुयाम् ।। 2 ।।
आप मिले हुए वचनों से मेरी बुद्धि को मानो मोहित कर रहे हैं । इसलिए उस एक बात को निश्चित करके कहिए जिससे मैं कल्याण को प्राप्त हो जाऊँ । (2)